पानी की मार:यमुना उफान पर; रात में 5 गांवों में घुसा पानी, दिनभर प्रशासन से मदद नहीं पहुंची

खिजराबाद/यमुनानगर    -:  मैदानी एरिया में चल रही बारिश रविवार दोपहर रुकी तो रात होते ही यमुना नदी उफान पर आ गई। यमुना नदी से लगते गांवों के खेतों में पानी भरना शुरू हो गया। देखते ही देखते कुछ गांवाें में पानी घुस गया। रात को ही गांव लापरा में मस्जिद से अनाउंसमेंट करनी पड़ी कि ग्रामीण अलर्ट हो जाएं। सुबह हुई तो दर्जनों घरों के आसपास पानी भरा था।

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उन ग्रामीणों को गांव के बारात घर में शिफ्ट किया गया। यमुना नदी में आए उफान से गांव औधरी, छोटा लापरा, बड़ा लापरा, मंडी, कैत समेत कई गांव के खेतों और सड़कों पर पानी घुस गया। लापरा के निवर्तमान सरपंच अली हसन ने बताया कि 15 से 20 परिवारों को बारात घर में शिफ्ट किया गया। हालत जानने के लिए भास्कर टीम यमुना नदी से लगते गांवाें में पहुंची।

चारों तरफ जमीन जलमग्न थी। फसलें नजर नहीं आ रही थी। सड़कों पर पानी था। कई गांव का संपर्क एक-दूसरे गांव से टूट गया। इस दौरान प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं पहुंची। हालांकि खुफिया तंत्र पल-पल की खबर लेकर सरकार तक पहुंचाता रहा। बता दें कि यमुना नदी में सुबह पांच बजे 2.95 लाख क्यूसेक पानी रिकाॅर्ड किया गया। हालांकि सोमवार दिन में पानी लगातार कम हो रहा था। वहीं सिंचाई विभाग के एसई रवि मित्तल का कहना है कि कुछ गांव के खेतों और सड़क पर पानी आया है। किसी के घर में पानी घुसा, इसे लेकर किसी ने कोई हेल्प नहीं माँगी। अगर किसी के घर में पानी घुसा है तो वह सूचना दे सकता है। वहां टीम भेजकर पानी निकलवा दिया जाएगा।

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हादसा टला : लापरा में दो बच्चे पानी में बहने लगे, लोगों ने बचाया
गांव लापरा निवासी एहसान ने बताया कि आधी रात को यमुना का जल स्तर बढ़ने लगा। खतरे को भांपते हुए रात को ही मस्जिद से एनाउसमेंट कराई कि ग्रामीण अलर्ट हो जाएं। उनका कहना है कि सुबह दो बच्चे गांव की सड़क से पानी में बहने लगे। उन्हें काफी दूर जाकर बचाया। वहीं, कुछ मकानों की दीवारों में पानी से दरारें आ गई। उनके गिरने का डर है।

एक्सप्रेस ट्रेन रुकी, सैकड़ों यात्री परेशान रहे
यमुना नदी में आए उफान से हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर यूपी की साइड लगते शाहजहांपुर के रेलवे फाटक के पास बड़ा हादसा टल गया। रेलवे लाइन के नीचे से मेटीरियल बह गया। यह देख कर्मचारी ने रेड सिग्नल देकर ट्रेन रुकवाई। रेलवे अधिकारियों ने पूरे ट्रैक को बंद कर दिया। वहां रोकी एक्सप्रेस ट्रेन में सवार यात्री परेशान रहे। ज्यादातर वहां से पैदल ही आगे निकल गए और लिफ्ट लेकर यमुनानगर या फिर शहजहांपुर पहुंचे। वहीं, इस दौरान कलानौर पुलिस चौकी के पास रेलवे अंडर ब्रिज को बंद कर दिया गया। यहां पुलिस की गाड़ी तक पानी में फंस गई थी। कलानौर चौकी इंचार्ज ओमप्रकाश का कहना है कि पानी से किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ।

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कब-कब यमुना में आया उफान
सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 25 सितंबर 1924 को यमुना नदी में 6 लाख क्यूसेक की बाढ़ आई। 25 सितंबर 1947 को 7 लाख क्यूसेक की बाढ़ आई। इसी प्रकार 3 सितंबर 1978 को यमुना नदी में आई 7,09239 क्यूसेक की बाढ़ के कारण ब्रिटिश काल में बना ताजेवाला हेड क्षतिग्रस्त हो गया। 25 सितंबर 1988 को 5 लाख 75522 क्यूसेक की बाढ़ आई।

5 सितंबर 1995 को 5,38338 क्यूसेक जल बहाव रहा। इसी प्रकार 13 सितंबर 2002 को 2 लाख 71871 क्यूसेक, 20 सितंबर 2010 को 7, 44,507 क्यूसेक की बाढ़ आई। 26 सितंबर 2022 को 2 लाख 95916 क्यूसेक पानी आया। 18 अगस्त 2019 में सबसे ज्यादा 8 लाख 28072 क्यूसेक पानी रिकाॅर्ड किया गया था।

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