पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का एक्‍शन:हरियाणा डिस्टलरी का बॉटलिंग प्लांट सील, लेबर ने किया प्रदर्शन

पोल्यूशन नियमों की अनदेखी कर चलाई जा रही हरियाणा डिस्टलरी पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पत्र पर जिला प्रशासन व राज्य पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने मंगलवार शाम कार्रवाई की। फैक्ट्री के बॉटलिंग प्लांट को सील कर दिया। इससे फैक्ट्री में सभी तरह का काम बंद हो गया है। बुधवार को जब श्रमिक फैक्ट्री में काम के लिए पहुंचे तो उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया गया। इस पर श्रमिकों ने प्रदर्शन किया। वहीं, इस बारे में जब फैक्ट्री के डीजीएम यशपाल दुआ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे अभी इस मामले में कुछ नहीं कह सकते। वहीं, पेपर मिल को भी सील किया गया है।

पेपर मिल काफी समय समय से बंद है। फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से श्रमिकों से बात करने को कोई नहीं पहुंचा। इस पर सिटी एसएचओ फैक्ट्री प्रबंधन से बात करने गए। उन्होंने श्रमिकों को बताया कि फैक्ट्री सील होने के कारण बंद है। एक-दो दिन में मामला सुलझने के आसार हैं। इस बारे में श्रमिकों को सूचित कर दिया जाएगा।

इस बारे में श्रमिक नेता लगन मिश्रा ने कहा कि फैक्ट्री पर सील प्रबंधन की गलती के कारण लगी है। इससे श्रमिकों का नुकसान नहीं होना चाहिए। जब तक फैक्ट्री बंद रहती है उस समय का भी वेतन श्रमिकों को दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे गुरुवार को फिर से प्रदर्शन करेंगे।

विभाग को प्लांट बंद बताया, बोटलिंग चालू थी | राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ नरेश कुमार ने बताया कि हरियाणा डिस्टलरी प्रबंधन ने विभाग में लिखकर दिया हुआ है कि प्लांट बंद है। इसके बाद भी बाहर से स्प्रिट लाकर इसकी आगे की प्रोसेसिंग कर बॉटलिंग की जा रही थी। जबकि एसटीपी बंद था। इस पर केंद्रीय बोर्ड ने डीसी को पत्र लिखा। डीसी के आदेश पर एसडीएम के साथ प्लांट को सील किया गया है। यहां नियमों की घोर अवहेलना मिली है।

नवंबर 2020 से बंद है प्लांट| डिस्टलरी प्रबंधन भले ही इस बारे में बात करने को तैयार नहीं है, लेकिन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड व प्लांट के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डिस्टलरी प्लांट को नवंबर 2020 में बंद कर दिया गया था। इसका कारण सरकार के सीरे को लेकर बदले गए नियम हैं। सूत्रों का कहना है कि अब अंदर नए नियमों के अनुसार प्लांट में बदलाव का काम चल रहा है।

नई मशीनरी लग रही है। इस दौरान बाहर से स्प्रिट लाकर बॉटलिंग की जा रही है। एसडीओ नरेश कुमार ने बताया बॉटलिंग प्लांट से पहले स्प्रिट की प्रोसेसिंग की जाती है। इसमें वाटर, कलर, फ्लेवर समेत अन्य प्रोसेसिंग होती है। इसलिए पोल्यूशन नियमों का पालन जरूरी है, जबकि इनकी अनदेखी की जा रही थी। उन्होंने इस बारे में उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर सारी जानकारी दे दी है।

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