रादौर – कुट्टू का आटा खाने से एक ही परिवार के 3 की हालत बिगड़ी

रादौर  : October. 18. 2020।। नवरात्रो के शुभारंभ से त्यौहारी सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में बाजार में नवरात्र व्रत व त्यौहारो के दौरान बिकने वाले तरह तरह के खाद्य पदार्थ की भी बाजार में डिमांड बढऩी शुरू हो गई है लेकिन इन खाद्य पदार्थो के खाने से यह हमारे स्वास्थय के लिए किस प्रकार हानिकारक हो सकता है ऐसा ही एक मामला रविवार को गांव बुबका में सामने आया। जिसमें नवरात्र के व्रत के दौरान खाए जाने वाले कुट्टू (फाफरा)के आटे की रोटी खाने से एक ही परिवार के तीन लोगो की हालत बिगड़ गई। जिससे धीरे धीरे उन्हें उल्टी, दस्त व चक्कर आने की शिकायत होने लगी। देर रात तक एक के बाद एक परिवार के तीन सदस्य इस प्रकार बीमार हो गए। देर रात हालत बिगड़ती देख परिजन आनन फानन में उन्हें रादौर के एक नीजि अस्पताल में लेकर पहुंचे। जिसके बाद सुबह उन्हें रादौर के सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र में भर्ती करवाया गया। जहां उनका ईलाज चल रहा है। हालांकि तीनो की हालत अब सामान्य है। वहीं डॉक्टर भी इस सीजन में लोगो को इस प्रकार के खाद्य पदार्थो को सचेत रहकर खाने की सलाह दे रहे है।

त्यौहारी सीजन में बाजार का कुछ भी खाते समय रखे सावधानी-डा. शालिनी

इस बारे जब सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र में कार्यरत डा. शालिनी सैनी से बात की गई तो उन्होनें बताया कि फूड प्वाइजनिंग के कारण उन्हें इस प्रकार की समस्या आई है। पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्होंने रात्रि के समय कुट्टू के आटे की रोटी खाई थी। वह आटा या तो पुराना होगा या फिर उसमें कोई दिक्कत होगी। यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन कई बार खाली पेट इसका सेवन करने से भी यह दिक्कत आ सकती है। इसलिए लोगो को इस त्यौहारी सीजन में बाहर का कुछ भी खाद्य पदार्थ खाते समय सावधानी बरते।

गांव बुबका निवासी धमेन्द्र चौहान उर्फ टीटू ने बताया कि उन्होंने बुबका रोड़ स्थित एक करियाना की दुकान से कुट्टू का आटा खरीदा था। नवरात्रो के व्रत के कारण उसकी भाभी बबीता, भतीजी काजल व भतीजे अमन ने उसकी रोटी बनाकर खाई। लेकिन कुछ ही देर बाद उन्हें दिक्कत होनी शुरू हो गई। पहले तो उन्हें लगा कि यह पूरा दिन थकावट के कारण हो रहा है लेकिन जब एक के बाद एक परिवार के तीनो सदस्यो की हालत बिगड़ी तो वह चिंता में पड़ गए। उन्हें उल्टी, दस्त व चक्कर आने की शिकायत हो रही थी। तभी वह देर रात तीनो को एक नीजि अस्पताल में ले आए। सुबह उन्हें रादौर के सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र में भर्ती करवाया गया। जहां डॉक्टरो ने उन्हें बताया कि कुछ मिलावटी सामान खाने से उन्हें यह दिक्कत आई है। तब उन्हें अहसास हुआ कि कुट्टू का आटा खाने से ही उनकी यह हालत हुई है। दुकानदार को जब उन्होनें इसकी शिकायत की तो दुकानदार उन पर कुछ न बोलने का दबाव डालने लगा और कहने लगा कि वह दोगुने पैैसे देने के लिए तैयार है लेकिन वह इसकी शिकायत न करे। उन्होंने मांग की कि इस आटे की जांच करवाई जाए और दोषी के विरूद्ध उचित कार्रवाई की जाए।

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