बिजली के पोल व लाइनों से घरों में करंट दौड़ने का खतरा

यमुनानगर :

मानसून सीजन में दीवारों से सटे बिजली के पोल व लाइनों से घरों में करंट दौड़ने का खतरा रहता है। कई बार हादसे भी हो चुके हैं। ऐसी जगहों से लोहे के पोलों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जानी थी। उनके स्थान पर सीमेंट के खंभे लगाए जाने हैं, लेकिन अधिकारी इस ओर से लापरवाही बरत रहे हैं। जिस वजह से मानसून सीजन से पहले यह कार्य पूरा होना मुश्किल हैं। खुद विधायक घनश्याम दास अरोड़ा भी इस संबंध में बिजली निगम के अधिकारियों को दिशा निर्देश दे चुके हैं।

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शहर में लोहे के पोल बदले जाने हैं। जिसके लिए जगाधरी शहर का सर्वे भी हो चुका है, लेकिन अभी तक पोल लगाने का कार्य शुरू नहीं हुआ। इसके साथ ही यह पोल ऐसे स्थानों पर भी लगने थे। जहां पर पुराने खंभे लोगों के घरों की दीवारों से सटे हुए हैं। उनकी तारें भी छतों से छूकर गुजर रही है। जिससे अक्सर हादसे होते रहते हैं। वर्षा के दौरान यह खतरा और भी बढ़ जाता है। दीवारों के सहारे करंट दौड़ने लगता है।

लोहे के पोल में रहता है अधिक खतरा :

लोहे के पोल में करंट आने का सबसे अधिक खतरा रहता है। जगाधरी शहर में करीब 500 लोहे के पोल हैं। जिन्हें बदला जाना है, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र में भी काफी लोहे के पोल हैं। जिन्हें भी बदलने की जरूरत है। बरसात के साथ-साथ आम दिनों में इनमें करंट दौड़ने का खतरा रहता है। कई बार तारें ढ़ीली पड़ जाती हैं। जिससे भी तार पोल से टच हो जाता है

 घरों से सटे हुए हैं बिजली के पोल :

विधायक घनश्याम दास अरोड़ा का कहना है कि काफी जगहों पर बिजली के पोल घरों से सटे हुए हैं। छतों के पास से तारें गुजर रही हैं। जिससे हादसा होने का खतरा रहता है। बिजली निगम के अधिकारियों को इस बारे में कहा गया है। वह मानसून सीजन से पहले इसकी व्यवस्था करें।

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