शिक्षामंत्री आवास की ओर बढ़ने से रोका तो नेशनल हाईवे बीचोंबीच टैंट गाड़ बैठ गए किसान

यमुनानगर : जुमला मालकान व देह शामलात की जमीनों को वापस लेने के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए। सैकड़ों की तादाद में किसान अग्रसैन चौक के पास इकट्ठे हुए। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी की अगुवाई में किसान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास की ओर बढ़े। इनको कालोनी के बाहर मुख्यद्वार पर ही बेरिकेड लगाकर रोक दिया गया। गुस्साए किसान जगाधरी पावंटा साहिब नेशनल हाईवे 907 के बीचोंबीच टेंट लगाकर बैठ गए। शिक्षामंत्री आवास से पहले ही रोक देने पर किसानों ने एतराज जताया। उनका कहना था कि मंत्री आवास के पास शांतिपूर्ण ढंग से महापंचायत बुलाई गई थी। उनको कालोनी से बाहर ही रोककर नारेबाजी के लिए मजबूर कर दिया। कांग्रेस विधायक बिशन लाल सैनी भी समर्थन देने के लिए किसानों बीच पहुंचे।

छावनी में तब्दील हुई पूरी कालोनी :

किसान मंत्री आवास पर न पहुंच सके, इसके लिए प्रशासन की ओर से पहले ही पुख्ता इंतजाम कर लिए गए थे। अग्रसैन चौक से वाहन डायवर्ट कर दिए गए। उसके बाद मंत्री से लेकर स्टेट हाइवे तक कई जगह नाके लगाए गए। कालोनी के मेन गेट पर वाटर कैनन मशीन व कांटेदार बेरिकेडिग कर दी गई। इस दौरान पूरी कालोनी छावनी में तब्दील रही। प्रशासन की ओर से एसडीएम सुशील कुमार किसानों के पास पहुंचे। किसान वीरवार शाम तक किसान यहीं डटे रहेंगे।

शिक्षामंत्री के आवास तैयार हुआ खाना :

शिक्षामंत्री आवास पर ही किसानों के लिए खाना तैयार किया गया। क्योंकि किसानों की ओर से पहले ही यह ऐलान किया जा चुका था कि दो दिन तक खाने का इंतजाम शिक्षा मंत्री की ओर से करवाया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो किसान भूख हड़ताल पर रहेंगे। किसानों की मांग को देखते हुए शिक्षा मंत्री आवास पर सुबह से खाना बनाने की तैयारी शुरू हो गई थी। खाने के लिए स्टेट हाईवे पर ही स्टाल लगा दी गई थी। शाम के खाने में मीठे की मांग पर इंतजाम किया गया।

स्पेशल विधानसभा सत्र बुलाए सरकार :

भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी व जिलाध्यक्ष संजू गुंदियाना ने कहा कि चुनाव के दौरान जब नेता वोट मांगने के लिए किसानों के पास जाते हैं तो उनका स्वागत किया जाता है। अपना सोफा नहीं है तो पड़ोस से मंगवाकर बिठाया जाता है। ड्राई फ्रूट तक परोसा जाता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद जब किसान मांगों को लेकर उनके पास जाते हैं तो बेरिकेड लगाकर रोक दिया जाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। स्पेशल सत्र बुलाकर शामलात-देह व जुमला-मुस्तरका मालकान भूमि का मालिकाना हक काश्तकार व काबिज काश्तकारों को दिया जाए। प्रशासन ने काबिज काश्तकारों को जमीन खाली करने के नोटिस भेजने भी शुरू कर दिए हैं। इनको रोका जाए।

ये रहे मौके पर :

मंदीप रोड छप्पर, पवन बिलासपुर, होशियार सिंह, गुरमैज सिंह, संदीप टोपरा, राजकुमार सीपीयावाला, अभिनव, संजू सरावा, हरपाल सुढल, वीरेंद्र, मोहन लाल, किरणपाल , कृष्ण, नायब सिंह, विशाल मेहरमाजरा व अन्य मौजूद रहे।

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