लापरवाही:डीसी के आदेशों की अवहेलना, 9 को कपालमोचन मेला क्षेत्र ड्यूटी से अधिकारी व कर्मचारी रहे नदारद

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मेला कपालमोचन में डीसी के आदेशों की अवहेलना की गई। प्रशासनिक अमले को नौ नवंबर तक मेला ड्यूटी पर तैनात रहने के आदेश दिए गए थे, लेकिन नौ नवंबर को मेले में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नजर नहीं आया। असामाजिक तत्व पूरा मेला क्षेत्र में मनमानी करते दिखे। बाइक पर तीन से चार युवक बैठकर पटाखे बजाते घूमते रहे। पुलिस व्यवस्था न के बराबर होने के कारण मेले में जमकर लात घूसे व डंडे चले। जिससे कई लोग घायल हो गए। मेले में बुधवार को भी 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पूजा अर्चना व खरीदारी करने पहुंचे थे।

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डीसी ने मेला की पहली मीटिंग में सख्त हिदायत दी थी कि मेला ड्यूटी पर लगे अधिकारी व कर्मचारी नौ नवंबर तक मेले में रहेंगे। ड्यूटी में कोताही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के बाद श्रद्धालुओं के लौटते ही अधिकतर कर्मचारी व अधिकारी मेला क्षेत्र से गायब नजर आए। एक दो स्थान को छोड़ अन्य मेला क्षेत्र में कहीं भी पुलिसकर्मी नजर नहीं आए। सरोवरों में स्नान करने वालों की सुरक्षा के लिए सरोवरों में लगाई गई बोट व गोताखोर भी नजर नहीं आए।

सफाई व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा जा रहा। मेला क्षेत्र में न तो एंबुलेंस की व्यवस्था रही और न ही फायर ब्रिगेड की कोई गाड़ी नजर आई। ऋणमोचन सरोवर किनारे मनचलों के आपस में भिड़ने से अफरा तफरा का माहौल बना रहा। वहीं, सेक्टर दो के शॉपिंग एरिया में दुकानदारों के बीच डंडे चले। जिससे तीन चार दुकानदार व महिलाएं घायल हो गई। काफी देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को हटाया।

ऑटो चालक वसूल रहे 40 रुपए:कपालमोचन मेला क्षेत्र में दो दिनों से श्रद्धालुओं की अधिक संख्या के चलते बसों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है। मंगलवार को तो श्रद्धालुओं को मेला से बिलासपुर तक लाने ले जाने के लिए ई-रिक्शा लगी हुई थी। जिनका किराया प्रशासन ने तय कर रखा था। बुधवार को बिलासपुर से मेला क्षेत्र जाने के लिए श्रद्धालुओं के पास ऑटो के सिवाय और कोई साधन नहीं था। इसका फायदा उठाकर थ्री-व्हीलर चालक बिलासपुर से मेला क्षेत्र तक जाने का 40 रुपया किराया वसूल रहे हैं।

स्थानीय श्रद्धालु रोहताश, जसबीर, मयंक, गीता रानी, कमलेश व सरोज बाला का कहना है कि बाहरी श्रद्धालुओं के लिए बसें लगाई गई। ई-रिक्शा का प्रबंध भी किया गया। लेकिन उनके लिए लोकल बस भी नहीं चलाई जा रही है। न ही पुलिस या अन्य अधिकारी ऑटो चालकों की मनमानी पर रोक लगा रहा है। मेला में कोई अधिकारी नजर नहीं आ रहा है। वे शिकायत करें भी तो किससे।

पॉलीिथन पर रोक लगाने में असफल: मेला प्रशासन इस बार भी मेला क्षेत्र में पॉलिथीन का प्रयोग रोकने में पूरी तरह से असफल रहा है। मेला क्षेत्र के अलावा आसपास के खेतों में हर तरफ पॉलीथिन ही पॉलीथिन नजर आ रहे हैं। जिन किसानों ने अपने खेतों में बुआई करनी है वे पॉलीथिन बीनने में लगे हैं। मेला क्षेत्र में भी हर तरफ पॉलिथीन व कचरा फैला हुआ है।

बुझे हुए दीपक उठान का काम भी सुबह से धीमा रहा। बुधवार को शिव चौक व चौराही मोड़ पर पुलिस नाके खुलने के साथ ही खनन जोन रणजीतपुर में जाने वाले डंपरों ने भी सीधी राह कर ली। दोपहर बाद दर्जनों डंपर चौराही मोड़ से कपालमोचन मेला क्षेत्र में घुस गए। जिससे शहीद उधम सिंह चौक पर जाम की स्थिति बन गई। बाद में एसडीएम के आदेश पर इन्हें रोक कर चोराही की ओर से भेजा गया।

हर सरोवर पर लगाए 10-10 पुलिसकर्मी
इस संबंध में मेला प्रशासक एवं एसडीएम बिलासपुर का कहना है कि हर सरोवर पर 9 नवंबर के लिए दस-दस पुलिसकर्मी, आंगनबाड़ी वर्कर्स, ग्राम सचिव व पटवारी ड्यूटी पर लगाए गए हैं। सरोवरों में एक-एक किश्ती तैनात की गई है। श्रद्धालुओं की संख्या के मद्देनजर कर्मचारियों की संख्या घटाई गई है। प्रशासन किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। देर शाम को मेला क्षेत्र को दुकानदारों व रेहड़ी वालों से खाली करवा दिया जाएगा। सफाई के लिए ठेकेदार को निर्देश जारी कर दिए हैं।

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