बीईओ ऑफिस से शिक्षकों की परिवार पहचान पत्र को लेकर एडीसी ऑफिस में ट्रेनिंग का रिजल्ट बुधवार शाम जारी कर दिया गया, लेकिन वीरवार सुबह जब शिक्षक बताए गए एड्रेस पर ट्रेनिंग के लिए पहुंचे तो वहां पता लगा कि ट्रेनिंग का कोई शेड्यूल नहीं दिया गया है। एडीसी ऑफिस से उन्हें पता चला कि केवल उन अध्यापकों के नाम मांगे थे, जो तबादला हो कर आए हैं। अध्यापकों ने बीईओ ऑफिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया, क्योंकि इससे 80 टीचर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा।
अध्यापकों ने बताया कि एडीसी ऑफिस से सिर्फ अध्यापकों के नाम मांगे गए थे, लेकिन बीईओ ऑफिस जगाधरी ने ट्रेनिंग के लिए ही भेज दिया। एडीसी कार्यालय के कर्मचारियों ने कहा कि इनकम वेरिफिकेशन का 90% कार्य पूरा हो चुका है। जो पहले ट्रेनिंग लेकर अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों द्वारा किया है, लेकिन आज उन ट्रेनिंग लिए कर्मचारियों को न बुलाकर बिना ट्रेनिंग लिए कर्मचारियों को बुलाया गया। कर्मचारियों ने कहा कि हमने ट्रेनिंग का कोई शेड्यूल जारी नहीं किया है, केवल तबादला हुए अध्यापकों की जगह नए कर्मचारियों के नाम मांगे थे।
संघ के जिला प्रधान महेंद्र सिंह कलेर का कहना है कि इनकम वेरिफिकेशन का काम अध्यापकों से न करवाया जाए, क्योंकि अध्यापकों के पास कोई मापदंड नहीं है कि उनकी इनकम किस प्रकार जांची जाए। साथ ही बाकी बचा 10% कार्य भी उन्हीं कर्मचारियों से करवाया जाए, जिन कर्मचारियों ने पहले इनकम वेरिफिकेशन का काम किया है। शिक्षा विभाग कार्यालय के कर्मचारियों व अधिकारियों को तालमेल करके ही पत्र जारी करना चाहिए। लगभग 80 अध्यापकों को परेशानी हुई।