यहां पर सच्चे मन से पूजा अर्चना करने पर होती हैं मुरादें पूरी, भंडारे के लिए डेढ़ साल का करना पड़ेगा इंतजार

बिलासपुर : जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर बसातियांवाला पंचमुखी हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। श्रद्धालुओं की इस मंदिर से अटूट आस्था जुड़ी हुई हैं। यहां पर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़ हिमाचल व उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु आते हैं। मंगलवार व शनिवार को दर्शन करने वालों की लंबी लाइनें लगती है। यहां पर अटूट भंडारा चलता है। भंडारे लगाने वालों की सूची भी लंबी होती है। उनको भंडारे के लिए समय लेने के लिए इंतजार करना पड़ता है। तब उनको इस सेवा का मौका मिलता है। जयंती के लिए सजाया जा रहा है मंदिर : हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। श्री पंचमुखी हनुमान कल्याण समिति व समस्त क्षेत्र वासियों के सहयोग से धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। पूरे मंदिर को फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। राम दरबार भी सजाया जाएगा। समिति के प्रधान सुखबीर सिंह ने बताया कि 16 अप्रैल को सुबह अखंड राम नाम संकीर्तन पाठ का समापन किया जाएगा। सुबह सबसे पहले पंचमुखी हनुमान महाराज की पूजा अर्चना की जाएगी। दोपहर को आरती की जाएगी। सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। शाम को बालाजी महाराज का महाजागरण किया जाएगा। ये है मंदिर का इतिहास : जहां पर मंदिर बना है। वहां पर प्राचीन समय में ढाक का जंगल होता था। मान्यता है कि ढाक के पेड़ पर हनुमान जी की एक प्रतिमा मिली। इसकी चर्चा क्षेत्र में फैल गई। तभी से यहां पर हनुमान जी की पूजा होती है। अब यहां पर भारत वर्ष के अलग-अलग राज्यों से लोग पूजा के लिए आते हैं। पहले यहां की व्यवस्था महात्मा महंत देखते थे। मंदिर का विस्तार होने पर 2008 में श्री पंचमुखी हनुमान कल्याण समिति का गठन किया गया। इन दिनों समिति मंदिर की देखरेख कर रही है। यहां पर स्नान के लिए तालाब, खाना तैयार करने के लिए हाल, गोशाला है। गोशाला में देसी गाय है। जिनकी लोग सेवा करते हैं। पार्किंग की उचित व्यवस्था हैं। सुरक्षा के लिए मंदिर परिसर में सीसीटीवी लगाए हुए है। 20 से 25 हजार श्रद्धालु आते हैं दर्शन करने : समिति के प्रधान सुखबीर सिंह का कहना है कि मंदिर में भंडारा देने के लिए डेढ़ साल की वेटिग हैं। भंडारे के लिए पहले बुकिग करवानी होती है। जिन लोगों की यहां आने पर मनोकामना पूर्ण होती है। वह लोग मंदिर में भंडारा देते हैं। मंगलवार व शनिवार को पूरा दिन भंडारा चलता है। इस दौरान 20 से 25 हजार श्रद्धालु यहां पर प्रसाद ग्रहण करते हैं।

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