कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यमुनानगर के बिलासपुर स्थित कपाल मोचन मेले में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। प्रशासन की तरफ से बेहतर व्यवस्थाएं देखने को मिली। पूरे मेले में सीसीटीवी से नजर रखी जा रही थी।
एसडीएम बिलासपुर जसपाल सिंह ने बताया कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर बार कपाल मोचन मेले में स्नान करने के लिए आते हैं। मेला में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई भी असुविधा न हो इसके लिए प्रशासन ने खासतौर पर श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।
यमुनानगर के कपाल मोचन तीर्थ पर तीन सरोवर हैं। सबसे पहले का नाम कपाल मोचन सरोवर, दूसरा ऋण मोचन सरोवर और तीसरा सूर्य कुंड सरोवर है। सूर्य कुंड सरोवर की मान्यता है कि यहां पर कुंती ने कर्ण काे जन्म दिया था। यहां पर एक कदंब का पेड़ है जहां धागा बांधने से संतान प्राप्ति होती है।
इसके अलावा कदंब के पेड़ की यह भी मान्यता है कि यह वही पेड़ है जिस पर कृष्ण गोपियों के कपड़े छिपाया करते थे। हिंदू धर्म के साथ-साथ यहां सीख लोगों के भी काफी आस्था है, क्योंकि यहां सिक्खों के गुरु गोविंद सिंह 52 दिन ठहरे थे और चंडी महायज्ञ कर भगानी साहब का युद्ध जीता था। जिसके चलते यहां गुरुद्वारे में पूर्णिमा के दिन प्रकाशोत्सव मनाया जाता है।