कपालमोचन मेला:बीफ के लिफाफे में बेचा जा रहा था प्रसाद, हिंदू संगठनों के हाथ लगा तो रातोंरात प्रशासन ने नष्ट कराए

  • पंजाब से दुकानदार आया था प्रसाद की दुकान लगाने, पूछा तो बोला-पैकिंग में प्रसाद खरीदा था

कपालमोचन मेला आज यानी शुक्रवार से शुरू हो रहा है, लेकिन मेला शुरू होने से पहले वहां बीफ के लिफाफे में प्रसाद बेचा जा रहा था। प्रसाद का यह पैकेट हिंदू संगठनों के हाथ लग गया। मामला अधिकारियों तक पहुंच गया। विवाद बढ़ न जाए, इससे पहले प्रशासन ने दुकानदार से सभी लिफाफे लेकर उन्हें दफना दिया। वहीं, दुकानदार के माफी मांगने पर उसे माफ कर दिया गया।

दुकानदार से करीब एक हजार लिफाफे इस तरह के मिलने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही प्रशासन ने प्रसाद बेचने वाली दुकानों पर जांच कराई कि इस तरह का लिफाफा किसी दूसरी दुकान पर तो नहीं। दूसरी किसी दुकान पर इस तरह का लिफाफा नहीं मिला। हिंदू संगठनों ने इसे हिंदू और सिखों की आस्था से खिलवाड़ बताया है। उनका कहना है कि यह एक साजिश हो सकती है।

इसकी जांच होनी चाहिए। बता दें कि कपालमोचन मेला 4 नवंबर से शुरू होकर 8 नवंबर तक चलेगा। इसमें पंजाब, हरियाणा, यूपी, हिमाचलप्रदेश समेत अन्य राज्यों से छह से सात लाख श्रद्धालु आते हैं ।

पंजाब से लिया था पैकिंग बंद प्रसाद-हिंदू संगठन के वर्करों ने बताया कि दुकानदार ने बताया कि उसने यह प्रसाद पंजाब के आनंदपुर साहिब के एक दुकानदार से लिया था। जब आनंदपुर के उस दुकानदार से बात की तो उसने बताया कि जालंधर से खरीदा था। उस लिफाफे पर लिखा है कि रेर रोस्ट बीफ। मेड विद हैंड ट्रीमेड टॉप साइड ऑफ बीफ। गाय का चित्र तक उस लिफाफे पर छपा है, लेकिन उसके अंदर प्रसाद था। दुकानदार का कहना था कि उसे अंग्रेजी पढ़नी नहीं आती।

लिफाफे पर क्या लिखा है, यह उसे समझ नहीं आया। मेला प्रशासक एवं बिलासपुर एसडीएम जसपाल सिंह गिल ने बताया कि यह मामला जैसे ही नॉलेज मेें आया तो तुरंत तहसीलदार को मौके पर भेजा गया था। दुकानदार से लिफाफे लेकर उन्हें नष्ट कर दिया। दुकानदार ने अपनी गलती मान ली है। इसे लेकर दूसरी दुकानों पर भी चेकिंग कराई गई है।

धर्म जागरण समन्वय संयोजक उदयवीर शास्त्री और जय भवानी सेना के पदाधिकारी चिरांग सिंघल ने कहा कि कपालमोचन मेले में लाखों की संख्या में कई राज्यों से श्रद्धालु आते हैं। बीफ लिखे लिफाफे में प्रसाद बेचना लाखों लोगों की आस्था से खिलवाड़ है।

 इसका पता चलते ही वे संगठन के वर्करों के साथ मेले में पहुंचे। उनके जाने से पहले दुकानदार से प्रशासन सभी लिफाफे अपने कब्जे में ले चुका था। उनकी मांग है कि प्रशासन को इसका पता लगाया चाहिए कि इसके पीछे किसी की साजिश तो नहीं। उनका कहना है कि उन्हें पता चला है कि एक हजार पैकेट दुकानदार के पास थे।

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