इंद्री तहसील में रजिस्ट्री करवाने पर बहस, कर्मचारी पर रुपये मांगने का आरोप

 इंद्री : तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री के लिए चक्कर कटवाने और रजिस्ट्री के एवज में रुपये मांगने पर आवेदकों ने रोष व्यक्त किया है। रजिस्ट्री कराने के लिए ब्याना गांव के मुकुल समेत सुशील, अर्चना व अंगूरी भी कार्यालय आए थे। उन्होंने आरोप लगाए कि कर्मचारी सुबह से कागजात में कमी निकालने की बात कहकर चक्कर कटवा रहा हैं। फिर कर्मचारी ने पैसे की भी मांग की। घटनाक्रम ने तूल पकड़ा तो पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया।

गांव ब्याना के मुकुल ने बताया कि उसने नगला रोड़ान में एक जमीन ली थी और उसकी रजिस्ट्री करवाने के लिए आए थे। सुबह का टोकन लगा था। लेकिन शाम तक काम नहीं किया गया। कागजात में बार-बार कमी निकाल दी गई जबकि कागजातों पर पटवारी के हस्ताक्षर भी हैं। कर्मचारी ने तीसरी बार फाइल देखकर 10 हजार रुपये मांगे। पैसे देते तो पांच मिनट में काम हो जाता। ग्रामीण सुशील ने बताया कि कई दिन से चक्कर काट रहे हैं और बुधवार को भी सुबह से शाम तक काम नहीं हुआ। तहसील में कागजात में बार बार कमी निकालकर परेशान किया गया। फिर कर्मचारी पैसे मांगने लगा।

संबंधित कर्मचारी ने हाथापाई के आरोप लगाते हुए पुलिस बुला ली।

महिला अर्चना रानी व बुजुर्ग अंगूरी देवी का कहना है कि हाथ भी जोड़े लेकिन काम करने की बजाए परेशान कर दिया। कर्मचारी पैसे मांगते हैं और विरोध करते हैं तो कर्मचारी कह देते हैं कि काम नहीं होगा। काम करवाने की बाट देखकर आंखे दर्द करने लगी हैं। राजेपुर गांव निवासी नरेंद्र ने कहा कि वह सुबह करीब साढे दस बजे तहसील कार्यालय में आए। तीन घंटे लाइन में लगे रहे। कर्मचारियों ने चक्कर कटवा दिए। एक कर्मचारी ने पांच सौ रूपए भी ले लिए। वह काम के लिए सीधे तहसीलदार के पास चले गए और तहसीलदार ने काम कर दिया।

मुखाला गांव के ईशपाल चौहान ने कहा कि वह आर्मी से रिटायर्ड हैं। जिला उपायुक्त को तहसील में स्थाई तौर पर तहसीलदार व आरसी की नियुक्ति करनी चाहिए। कुछ कर्मचारी सीट पर नहीं मिलते। तीन महीने से तबादले के एक केस के काम के लिए तहसील कार्यालय में आ रहे हैं। 25 बार टोकन लगवा लिया। गढ़ीजाटान गांव के ताराचंद ने कहा कि अधिकारी व पटवारी नहीं मिल रहे हैं। कई बार आ चुके हैं। यहां बिना पैसे लिए दिए काम नहीं चल रहा है।

वहीं, तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री क्लर्क का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे कर्मचारी विक्रम ने बताया कि चैक करने पर कागजात में कमी पाई गई। कमियां दुरुस्त करने के लिए बोला तो लोग अभद्रता करने लग गए। तहसीलदार की जानकारी में मामला लाया गया। कागजात में लोन था। लोन पर क्रास हो रहे थे। इस पर बात बढ़ी। आखिरकार पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया।

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