हरियाणा और पंजाब के किसानों ने खुद घग्गर नदी के टूटे बांध को बांधना शुरू कर दिया है। हालांकि, किसानों के ऐलान के बाद प्रशासन द्वारा भी कार्रवाई अमल में लाई गई। प्रशासन द्वारा JCB और मजदूरों का प्रबंध करके बांध पक्का करने काम शुरू किया गया। वहीं, घग्गर के आस पास लगते गांव से किसान भी मिट्टी के हजारों कट्टे भरकर नदी पर पहुंचे।
यहां, JCB से बांध पर मिट्टी लगाई जा रही है। वहीं, जहां-जहां पानी के कारण बांध में कटाव हुआ था, वहां किसान-मजदूर मिट्टी से भरे कट्टे लगा रहे हैं, ताकि दोबारा जलस्तर बढ़ने पर किसानों की फसल तबाह न हो।
बाढ़ आने के कारण अकेले अंबाला जिले में 1.70 लाख एकड़ से ज्यादा फसल उजड़ गई थी। भले ही नदी का पानी उतर गया है, लेकिन खेतों में दोबारा फसल की जुताई नहीं की जा सकी। हालात ऐसे बने हुए हैं कि पशुओं के लिए चारा तक नहीं मिल रहा।

घग्गर नदी के बांध टूटने के कारण हरियाणा और पंजाब से 50 से ज्यादा गांव जलप्रलय की चपेट में आए हैं। कई दिनों तक कई-कई फीट तक पानी खेतों में खड़ा होने के कारण लाखों एकड़ फसल तबाह हुई है, जिसके बाद किसानों ने सरकार से घग्गर नदी के बांध पक्के करने की मांग उठाई थी, लेकिन किसानों का आरोप है कि सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाए।
किसानों ने किया था बांध पक्का करने का ऐलान
बता दें कि अंबाला के गांव सुल्लर गुरुद्वारे में शनिवार को घग्गर नदी के आसपास लगते 50 से अधिक गांव के किसानों की मीटिंग हुई, जिसमें किसानों ने बांध को खुद पक्का करने का ऐलान किया। फैसला लिया कि हर गांव से एक-एक हजार कट्टे मिट्टी के भरकर बांध पक्का किया जाएगा।
BKU शहीद भगत सिंह के प्रधान अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा था कि अंबाला के साथ लगते घग्गर नदी के पंजाब एरिया (दड़बा गांव) में 2 जगह बांध टूटे हैं। जिसकी वजह से अंबाला में लाखों एकड़ फसल तबाह हो गई है।