चांदपुर रेलवे पुल के पास पैमाइश कराई गई:सरकारी जमीन में स्टॉर्म वाटर पाइप लाइन दबाना चाह रहा निगम, पुल को खतरा बता पीडब्ल्यूडी का एनओसी से इनकार

शहर की सबसे बड़ी पानी निकासी की योजना में फंसा पेंच निकालने के लिए पिछले दिनों चांदपुर बाईपास रेलवे पुल के पास की गई पैमाइश की रिपोर्ट आ गई। नगर निगम अधिकारियों का दावा है कि उस रिपोर्ट में रेलवे लाइन की तरफ 72 फीट और बाईपास चौक की तरफ 27 फीट तक पीडब्ल्यूडी की सरकारी जमीन निकली है, लेकिन यह जमीन रेलवे पुल के ठीक किनारे से लगती है। ज्यादातर जमीन पर पुल की मजबूती के लिए मिट्टी लगाई हुई है। नगर निगम के अधिकारी चाहते हैं कि यहीं खुदाई कर पाइप लाइन डाल दिए जाएं।

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इसके लिए एनओसी देने के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। वहीं, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने साफ कहा कि जिस जमीन से नगर निगम अधिकारी पाइप लाइन दबाना चाह रहे हैं कि उसकी एनओसी नहीं दी जा सकती। अगर वहां पाइप लाइन दबाई गई तो पुल को खतरा है। इसलिए पीडब्ल्यूडी ने एनओसी देने से साफ मना कर दिया।

इस तरह से शहर की सबसे बड़ी पानी निकासी की योजना पूरी होती नहीं दिख रही। नेता और अधिकारी वहां पर प्राइवेट जमीन को एक्वायर करने के पक्ष में नहीं दिख रहे। क्योंकि वहां कांग्रेसी नेता के परिवार की जमीन पड़ती है। यहीं मामला फंसा है और पूरे शहर पर बरसात के सीजन में जल भराव का खतरा मंडरा रहा है।

कन्हैया चौक के पास की जा रही खुदाई, 9.15 करोड़ रुपए में होना है काम

24 फरवरी 2019 को कन्हैया चौक से जम्मू कॉलोनी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक बरसाती पानी की निकासी के लिए लाइन डालने के लिए शिलान्यास किया गया था। 4500 मीटर लंबी इस सीवरेज लाइन पर 9.15 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। 15 अगस्त 2019 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। सीवरेज लाइन में 900 एमएम से 1800 एमएम के पाइप डाले जाने हैं। कन्हैया चौक से 900 एमएम के पाइप डालने शुरू कर आगे, उनकी क्षमता बढ़ाते चले जाएंगे।

इस 4500 मीटर लंबी सीवरेज लाइन में 100 मैनहोल बनाए जाएंगे और 196 प्वाॅइंट गंदा पानी लाइन में लाने के लिए रखे जाएंगे। शिलान्यास के छह माह तक काम शुरू नहीं हुआ था। जब काम शुरू हुआ तो कई अड़चनें आई। समय पर दूसरे विभागों से एनओसी नहीं ली गई। वहीं, 30 मई को लघु सचिवालय में रोड सेफ्टी की मीटिंग में पहुंचे विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने इस योजना के मामले में अधिकारियों से जवाब लिया था।

मीटिंग के अगले ही दिन चांदपुर रेलवे पुल के पास पैमाइश कराई गई। वहीं विधायक ने कन्हैया चौक के पास 400 मीटर के एरिया में होने वाला काम तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसका असर दिखा और काम शुरू हो गया है। यहां रोड को उखाड़ कर लाइन डाली जा रही है। वहीं बड़ा मैनहाेल भी बनाया जा रहा है।

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हम चाहते हैं कि पीडब्ल्यूडी एनओसी देः हेमंत कुमार, नगर निगम एसई नगर निगम के एसई हेमंत कुमार ने बताया कि पैमाइश की रिपोर्ट के अनुसार पुल के पास 72 से 27 फीट तक सरकारी जमीन है। पाइप लाइन डालने के लिए 15 फीट चौड़ी जगह चाहिए। इस हिसाब से सरकारी जमीन पर्याप्त है। इस जमीन पर पाइप लाइन दबाने के लिए पीडब्ल्यूडी से एनओसी के लिए लिखा गया था। क्योंकि जमीन उन्हीं की है। अगर यहां प्राइवेट जमीन एक्वायर करनी पड़ती है तो उसे भी किया जाएगा। हम एनओसी नहीं दे सकतेः नवीन खत्री एक्सईएन पीडब्ल्यूडी पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन नवीन खत्री ने बताया कि रेलवे पुल के पास इतनी जमीन उनके पास नहीं है कि नगर निगम को उसमें पाइप लाइन दबाने के लिए एनओसी दे दी जाए। अगर पुल के पास सरकारी जमीन पर लाइन डाली जाती है तो पुल को खतरा है। इसलिए जो 72 से 27 फीट सरकारी जमीन निकलने की बात है, उस पर लाइन दबाने की एनओसी नहीं दी जा सकती।

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