देखे गए मरीजों के मेडिकल दस्तावेजों में अतिरिक्त बीमारियां शामिल करने के लिए कहा। अधिक बीमारियां बताने वाले डॉक्टरों को शैम्पेन की बोतलें या बोनस दिया गया।
बड़ी बीमा कंपनी एंथम अब एलीवेंस हेल्थ ने अपने मरीजों को बीमार बताने वाले डॉक्टरों को अधिक पैसा दिया। अमेरिका की सबसे बड़ी बीमा कंपनी यूनाइटेड हेल्थ के अधिकारियों ने कर्मचारियों से कहा कि वे ज्यादा बीमारियां बताने के लिए पुराने मेडिकल रिकॉर्ड देखें। न्याय विभाग ने इन कंपनियों के खिलाफ दाखिल मुकदमों में ऐसे तौर-तरीकों की जानकारी दी है।
ऐसा करके बीमा कंपनियों ने अमेरिका की केंद्र (फेडरल) सरकार के मेडिकेयर एडवांटेज प्रोग्राम से अपार पैसा कमाया है। अमेरिकी संसद ने बीस साल पहले कम कीमत पर लोगों को इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए मेडिकेयर एडवांटेज कार्यक्रम शुरू किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने धोखाधड़ी के दर्जनों मुकदमों, इंसपेक्टर जनरल ऑडिट और कुछ समूहों की जांच की समीक्षा पर पाया कि किस तरह बड़ी मेडिकल बीमा कंपनियों ने सरकार की योजना से फायदा उठाकर अरबों रुपए कमाए हैं। फेडरल ऑडिट के अनुसार दो तिहाई से अधिक बीमा कारोबार का प्रतिनिधित्व करने वाली दस बड़ी बीमा कंपनियों में से आठ कंपनियों ने बढ़ा-चढ़ाकर बिल पेश किए हैं। पांच में से चार सबसे बड़े हेल्थ ग्रुप-यूनाइटेड हेल्थ, हुमना, एलीवेंस और कैसर के खिलाफ फेडरल सरकार ने मुकदमे दायर किए हैं। इन पर आरोप है कि मरीजों को ज्यादा बीमारियां बताने के वास्ते धोखाधड़ी की सीमा भी पार कर दी गई। पांचवीं कंपनी और एटीना की मालिक सीवीएस हेल्थ ने निवेशकों को बताया है कि न्याय विभाग उसकी जांच कर रहा है। अधिकतर बीमा कंपनियों ने बयान जारी कर आरोपों को गलत बताया है।
उनका कहना है, फेडरल ऑडिट में खामियां हैं। हेल्थ बीमा इंडस्ट्री की जांच करने वाले सीनेटर चार्ल्स ग्रासली का कहना है, मरीजों को अधिक बीमार बताकर अरबों रुपए ज्यादा वसूले गए हैं। यह मेडिकेयर प्रोग्राम का दुरुपयोग है। स्वास्थ्य विभाग और रेगुलेटर एजेंसी के कई पूर्व अधिकारी मेडिकल बीमा इंडस्ट्री से जुड़े हैं। कैसर कंपनी में पूर्व कोडिंग विशेषज्ञ डॉ. जेम्स टेलर का कहना है, कंपनियों की पैसे भूख अनंत है। डॉ. टेलर कैसर पर धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाले दस व्हिसलब्लोअरों में शामिल हैं। उन्होंने बतायाा कि सुपरवाइजरों की बैठकों में मरीजों की अतिरिक्त बीमारियां बताने के निर्देश दिए जाते थे। किसी मरीज को पहले आए ब्रेन स्ट्रोक और अवसाद जैसी बीमारियों को दस्तावेजों में दर्शाया गया जबकि इनका मरीज की मौजूदा हालत से कई संबंध नहीं रहता था।
कई पूर्व कर्मचारियों ने मुकदमे दाखिल किए
बीमा कंपनियों के खिलाफ कई मुकदमे कंपनियों के पूर्व कर्मचारियों ने दायर किए हैं। फेडरल व्हिसलब्लोअर कानून के मुताबिक आरोप साबित होने पर सरकार को वापस मिलने वाली रकम में से कुछ प्रतिशत व्हिसल ब्लोअर को मिलते हैं। अधिकतर मुकदमों में न्याय विभाग भी शामिल हो गया है। पिछले साल विभाग ने मेडिकेयर एडवांटेज को धोखाधड़ी के पैसे की वापसी के प्रमुख क्षेत्रों में शामिल किया है।
इंसपेक्टर जनरल की जांच, ऑडिट, रिसर्च,सरकारी जवाबदेही ऑफिस के अध्ययनों और ढेरों लेखों, रिपोर्ट के बावजूद कार्यक्रम पर नजर रखने वाले रेगुलेटर मेडिकेयर सेंटर और मेडिकेड सर्विसेस (सीएमएस) का रुख अधिक भुगतान पर नरम रहा है। संसद ने सीएमएस को अधिक बिल के सबूत मिलने पर बीमा कंपनियों की दरें घटाने के अधिकार दिए हैं लेकिन सीएमएस ने ऐसा कभी नहीं किया है।